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Friday, 10 May 2024

चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के बाद अब सूर्य के सफर पर निकला 'इसरो' का आदित्य L1, जानिए क्या रहस्य खोजेगा सूर्ययान

नई दिल्ली (एकता): चांद पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के बाद अब फिर से भारत ने सूरज की ओर छलांग लगाई है। बता दें कि 2 सितंबर यानि शनिवार को देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ (Aditya L1 Mission) को लॉन्च कर दिया है। मीडिया सूत्रों के अनुसार आदित्य एल1 की लॉन्चिंग पर इसरो ने कहा, "पीएसएलवी-सी57 ने आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक रहा। अब सूर्य की ओर आदित्य की 125 दिन की यात्रा शुरू हो चुकी है। बता दें कि 10 दिन पहले ही भारत ने स्पेस टेक्नोलॉजी में इतिहास रचकर चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बना। खास बात यह है कि ये देश का पहला ऐसा अंतरिक्ष मिशन है जो सूर्य की रिसर्च से जुड़ा है।


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आदित्य L1 एक सैटेलाइट है। जिसे 15 लाख किलोमीटर दूर भेजा गया। सैटेलाइट को L1 यानि लैग्रेंज प्वाइंट 1 में स्थापित करने का लक्ष्य है। इसी L1 प्वाइंट पर आदित्य L1 सूर्य के चक्कर लगाएगा। इससे एक बात यह है कि सैटेलाइट पर सूर्य ग्रहण का भी असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि यह गुरुत्वाकर्षण से बाहर का क्षेत्र होगा, वहां उसे न सूरज अपनी तरफ खींचेंगा न पृथ्वी। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी। श्रीहरिकोटा से आदित्य एल-1 को लेकर इसरो के पीएसएलवी रॉकेट ने जैसे ही उड़ान भरी, उसी दौरान भीड़ ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।


सूर्य के रहस्य खोजेगा सूर्ययान


सूरज की गर्मी का अंदाजा 150.96 मिलियन किलोमीटर दूर धरती पर तपन से ही लगाया जा सकता है। सूरज खुद में कितने रहस्य छिपाए हुए हैं सूर्ययान सब खोजेगा। आदित्य एल-1 में 7 अलग-अलग कैमरा लगाए गए हैं जो सूरज के बारे में स्टडी करेगा और कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा।


ISRO Solar Mission: सूर्य मिशन का मकसद क्या है?

इसरो के सूर्य मिशन का मकसद सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और हवाओं की स्टडी, सौर वायुमंडल को समझने की कोशिश और धरती के वायुमंडल पर उनके असर का पता लगाना।


लॉन्चिंग देखने चेन्नई से श्रीहरिकोटा पहुंचे लोग


बता दें कि इस मिशन की लॉन्चिंग देखने के लिए चेन्नई से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे।


जानिए कौन सी स्टडी करेगा आदित्य एल1


आदित्य एल1 स्मार्ट है। इसके लिए विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ पेलोड को डेवलप किया गया है। इसका वजन 1,475 किलो है। यह 7 पेलोड को लेकर गया है। इसमें 4 पेलोड का मुंह सूरज की तरफ होगा। 3 अन्य पेलोड पार्टिकल्स और मैग्नेटिक फील्ड की स्टडी करेंगे। यह डाटा काफी अहम होगा। सूर्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समझा जाएगा। इसकी सारी भविष्यवाणी की जा सकेगी। इसके अलावा मौसम और आपदा की चेतावनी भी दी जा सकेगी।


 


 

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