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कुदरत का कहर : क्षणों में ही ताश के पत्तों की तरह बिखरीं गगनचुंबी इमारतें, 5000 से अधिक लोगों को लील लिया भूकंप ने
तुर्की और सीरिया में भूकंप के झटकों से ताश के पत्तों की तरह ही कुछ ही क्षणों में गगनचुंबी इमारतों के बिखरने से और 5000 से अधिक लोगों को लील लेने के कारण पूरा विश्व शोक में है। एक दशक पहले से युद्ध की मार झेलने वाले सीरिया पर तो जैसे मनुष्य के बाद अब कुदरत ने भी कहर ढाने में कसर नहीं छोड़ी।
दक्षिण-पूर्वी तुर्की और उत्तर-पश्चिमी सीरिया में 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद आए 7.5 तीव्रता के भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली, हजारों अन्य लोगों को घायल कर दिया और व्यापक विनाश का कारण बना।
भूकंप और आफ्टरशॉक्स ने इमारतों को गिरा दिया और मलबे में दबे हुए घायलों को खोजने के लिए बचाव दल घंटों तक जुटे रहे।
मरने वालों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है क्योंकि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि झटके दिनों या हफ्तों तक जारी रह सकते हैं। डेनमार्क के भूवैज्ञानिक संस्थान ने कहा कि भूकंप के झटके ग्रीनलैंड तक महसूस किए गए।
भूकंप ने कहाँ कहाँ मार की?
भूकंप सुबह 4:17 बजे (01:17 GMT) आया, जिसका केंद्र गाजियांटेप प्रांत के कहारनमारस में था, जो गजियांटेप की राजधानी शहर से लगभग 33 किमी (20 मील) दूर है और जहाँ 2011 में शुरू हुए युद्ध के दौरान भागे हुए हज़ारों सीरियाई लोगों सहित दो मिलियन से अधिक लोग बसे हुए हैं।
जियोलॉजिकल सर्वे करने वाली एक एजेंसी के अनुसार इस क्षेत्र में ईंट की चिनाई या भंगुर कंक्रीट से बनी कई इमारतें हैं, जो "भूकंप के झटकों के लिए बेहद कमजोर" होती हैं।
भारत सरकार ने भी एनडीआरएफ के 101 मेंबर कश्मीर बारे सीरिया की गुस्सताखियों को भुलाकर मदद के लिए सीरिया रवाना कर दिए हैं।
अश्विनी जेटली-