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Tuesday, 21 May 2024

मंत्री ने चिकित्सा शुल्क की सीमा तय करने पर अरोड़ा द्वारा पूछे गए सवालों का दिया जवाब

लुधियाना, 9 अगस्त, 2023: लुधियाना से सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा ने हाल ही में राज्यसभा के पटल पर चिकित्सा शुल्क की सीमा तय करने का मुद्दा उठाया है और पूछा है कि क्या सरकार ने घुटने के प्रत्यारोपण और स्टेंट की सीमा तय कर दी है।


हालाँकि, अरोड़ा ने बताया कि अस्पतालों ने अपने स्वयं के शुल्क बढ़ा दिए हैं और इसलिए जब स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण के लिए शुल्क सीमित कर दिए गए तो मरीज को कोई राहत नहीं मिली। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा कि जब भी चिकित्सा उपकरणों के लिए दरों की सीमा तय की जाए, प्रक्रिया शुल्क की भी सीमा तय की जाए।


अरोड़ा के सवाल का जवाब देते हुए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिनज़ (एनएलईएम) को ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) आर्डर के शेड्यूल-I में शामिल किया गया है। फार्मास्यूटिकल्स विभाग (डीओपी) के अंतर्गत नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइस अथॉरिटी (एनपीपीए) ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) आर्डर, 2013 (डीपीसीओ, 2013) के शेड्यूल-I में निर्धारित इन शेड्यूलड दवाओं की अधिकतम कीमत डीपीसीओ, 2013 के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार तय करता है। इसके अलावा, असाधारण परिस्थितियों के मामले में डीपीसीओ, 2013 सार्वजनिक हित में किसी भी दवा की अधिकतम सीमा या रिटेल मूल्य को उस अवधि के लिए निर्धारित करने का प्रावधान करता है जो वह उचित समझे।


यह जानकारी देते हुए, अरोड़ा ने कहा कि मंत्री ने आगे जवाब दिया कि जैसा कि फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा सूचित किया गया है, एनपीपीए ने कोरोनरी स्टेंट की अधिकतम कीमत तय कर दी है - [बेयर मेटल स्टेंटस (बीएमएस) और ड्रग एल्यूटिंग स्टेंटस (डीईएस) को नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन में 19 जुलाई 2016 को पहली बार शामिल किया गया है और 21 दिसंबर 2016 को ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर, 2013 (डीपीसीओ, 2013) के शेड्यूल-I के हिस्से के रूप में फार्मास्यूटिकल्स विभाग (डीओपी) द्वारा शामिल किया गया।


अरोड़ा ने कहा कि मंत्री ने आगे बताया कि घुटना प्रत्यारोपण नॉन-शेड्यूलड चिकित्सा उपकरण हैं। एनपीपीए ने 16 अगस्त 2017 के आदेश के जरिए डीपीसीओ, 2013 के पैरा 19 के प्रावधानों के अंतर्गत घुटने के प्रतिस्थापन प्रणाली के लिए आर्थोपेडिक घुटने के प्रत्यारोपण की अधिकतम कीमतों को अधिसूचित किया। इस संबंध में हालिया अधिसूचना 15 सितंबर 2022 को जारी की गई, जिसके तहत अधिसूचना की वैधता 15 सितंबर 2023 तक बढ़ाई गई है।


मंत्री ने अपने उत्तर में यह भी उल्लेख किया कि भारत सरकार ने क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंटस (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट, 2010 (सीई अधिनियम, 2010) लागू किया है और देशभर में क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंटस (सरकारी और निजी दोनों) की रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन के लिए क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंटस (सेंट्रल गवर्नमेंट) रूल्स, 2012 अधिसूचित किया है। नेशनल कौंसिल फॉर क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंटस ने चिकित्सा प्रक्रियाओं की एक स्टैण्डर्ड लिस्ट और चिकित्सा प्रक्रियाओं की लागत के लिए एक स्टैण्डर्ड टेम्पलेट विकसित किया है और इसे राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ उनके मार्गदर्शन और उपयुक्त कार्यान्वयन के लिए साझा किया है। इसके अलावा, मरीजों के अधिकारों का एक चार्टर अपनाने और कार्यान्वयन के लिए सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया है, ताकि क्लिनिकल प्रतिष्ठानों में सुचारू और सौहार्दपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करते हुए मरीजों की शिकायतों और चिंताओं का समाधान किया जा सके।


अरोड़ा ने कहा कि मंत्री ने अपने जवाब में आगे कहा कि स्वास्थ्य एक राज्य का विषय है, इसलिए यह राज्य/केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वह मरीजों को अस्पताल शुल्क सहित स्वास्थ्य सुविधाओं द्वारा शोषण की घटनाओं से बचाने के लिए उचित कदम उठाए।


इस बीच, अरोड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को मरीजों के अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठनों को इस संबंध में व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए आगे आना चाहिए।

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