आज प्रधानमंत्री मोदी के अथक प्रयास के कारण ही देश आर्थिक प्रगति की ओर बढ़ रहा है: गजेंद्र शेखावत
पिता ने लगाए मेहनत को पंख, बेटे ने रोशन किया नाम, राजस्थान का प्रिंस अपने गांव का बनेगा पहला डॉक्टर
कोटा (एकता): अगर आप में कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो दुनिया की कोई चीज़ भी आपको सफल होने से रोक नहीं सकती। एक दिन कामयाबी जरूर आपके कदम चूमती है। ऐसा ही कुछ राजस्थान के कोटा जिले के प्रिंस ने कर दिखाया। बता दें कि खातौली के गांव फतेहपुर का प्रिंस गांव का पहला डॉक्टर बनने जा रहा है। आखिरकार उसे उसकी मेहनत का फल मिल ही गया। मीडिया सूत्रों के अनुसार प्रिंस के घर खुशियां का माहौल है। प्रिंस ने 10वीं में 93.17, 12वीं में 96.20 अंक प्राप्त किए। इसके बाद नीट की परीक्षा की तैयारी उसने घर से ही की थी जिसमें उसके 583 नंबर आए। अगर उसने कोचिंग ली होती तो शायद परिणाम कुछ और ही होते। प्रिंस के पिता लक्ष्मीचंद इससे पूर्व दवा की दुकान पर काम करते थे, तब सोचते थे कि बेटा डॉक्टर बने और उसकी पर्ची से लोग दवा खरीदें तो जीवन सफल हो जाए। प्रिंस को एलाइड एम्स मिलने की पूरी उम्मीद है। वह आगे और पढ़ना चाहता है। पिता मेडिकल की दुकान पर काम करते थे और बेटे का खर्चा उठाते थे।
25 किलोमीटर का सफर कर पढ़ने जाता था प्रिंस
प्रिंस ने अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखें हैं। वह करीब 25 किलोमीटर का सफर कर रोज पढ़ने जाता था। कई बार बसों के इंतजार में घंटों लग जाते थे। वह पढ़ाई में काफी होशियार था। उसे पढ़ने का काफी शौंक है। परिवार के पास पैसे नहीं थे। जिसके जरिए उसने घर पर ही नीट की परीक्षा की तैयारी की। जब घर में पढ़ाई के समय बिजली चली जाती थी तो वह टॉर्च जगाकर पढ़ता था। पिता मजदूरी करके अपने बेटे को पढ़ाते थे। प्रिंस ने दिन-रात एक किए। यूट्यूब पर पढ़ाई की जिसके चलते उसका अच्छा परिणाम देखने को मिला। पापा से जैसे-तैसे स्मार्ट फोन लिया। इसी कारण अच्छे नम्बर आ सके। अब वह एमबीबीएस करना चाहता है।